MP Politics: पेड न्यूज मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला से नरोत्तम मिश्रा की, जा सकती है विधायकी


सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में मध्यप्रदेश के गृहमंत्री और भाजपा के बड़े नेता नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra)  के खिलाफ पेड न्यूज के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है। 2017 में चुनाव आयोग ने मिश्रा को पेड न्यूज का दोषी माना था। साथ ही तीन साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई थी। दिल्ली हाईकोर्ट में हारने के बाद मिश्रा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मामला पेड न्यूज (paid news case) से जुड़ा है, जिसमें चुनाव आयोग ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था. इसके खिलाफ नरोत्तम मिश्रा ने हाईकोर्ट पहुंचे थे. जहां से शिकायतकर्ता के सुप्रीम कोर्ट जाने से मामला SC पहुंच गया. 2 मार्च की सुनवाई में 12 मार्च अंतिम सुनवाई के लिए तय किया गया था.


क्या है पूरा मामला?

दतिया विधानसभा सीट से विधायक और
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ राजेन्द्र भारती ने 2009 में निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी. इसमें उन्होंने मिश्रा पर 2008 के विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज छपवाने का आरोप लगाया था. करीब 8 साल चली सुनावई के बाद आयोग ने 46 खबरों को पेड न्यूज की कैटेगरी में मानते हुए 23 जून 2017 को RPI एक्ट की धारा 10A के अंतर्गत नरोत्तम मिश्रा को 3 साल के लिए अयोग्य ठहरा दिया था.

आयोग के फैसले के खिलाफ नरोत्तम मिश्रा हाईकोर्ट पहुंचे थे. जहां से केस दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर हो गया. यहां 14 जुलाई 2017 सिंगल बेंच ने मिश्रा के खिलाफ अपना फैसला दिया था. इसपर स्टे लेने की कोशिश की गई लेकिन नहीं मिली. बाद में 28 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी और फिर डबल बेंच में सुनवाई हुई. जहां 2018 दिल्ली हाईकोर्ट ने आयोग के खिलाफ फैसला दिया.


दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद याचिकाकर्ता राजेन्द्र भारती और चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. अप्रैल 2022 में अर्जेंट हियरिंग के पिटीशन पर इस मामले में सुनवाई शुरू हुई. इससे पहले कोर्ट ने अर्ली हियरिंग की याचिका रिजेक्ट कर दी थी. आखिरकार 2 मार्च 2023 को सुनवाई के लिए मामला पहुंचा पर फैसला नहीं हो सका. तब कोर्ट ने 12 अप्रैल को अंतिम सुनवाई के लिए तय किया था.


अब नरोत्तम मिश्रा का भविष्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिका है. अगर कोर्ट आयोग के फैसले के साथ जाती है तो शिवराज सिंह के कद्दावर मंत्री 2023 का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. हालांकि, अगर SC दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को जस का तस रकती है तो मिश्रा को किसी तरह के राजमीतिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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