बोरवेल में फंसे हुए लोकेश को हुए पूरे 21 घंटे रेस्क्यू जारी
बता दें कि 7 साल के लोकेश को बोरवेल में फंसे हुए पूरे 21 घंटे बीत चुके हैं. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने जानकारी देते हुए हर मूवमेंट की जानकारी की मॉनिटरिंग लगातार जारी है दो घंटे पहले तक लोकेश में मूवमेंट देखी गई है. लोकेश को सकुशल बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम लगातार प्रयास कर रही है. लगातार 7 साल के मासूम लोकेश को ऑक्सीजन पाइप के जरिए दी जा रही है
एनडीआरएफ की टी अब लोकेश के नजदीक पहुंच चुके हैं
बोरवेल के आसपास सुरंग बनाने का काम लगातार जारी है. लोकेश भले ही सिर्फ 4 फीट दूर नजर आ रहा है लेकिन उस तक पहुंचने के लिए सुरंग को खाेदना लगातार जारी है, तभी रेसक्यू ऑपरेशन में लगी टीम लोकेश तक पहुंच पाएगी. अभी तक मासूम लोकेश साहस के साथ इस मुश्किल का सामना कर रहा है. रेसक्यू ऑपरेशन कर रहे अधिकारियों को भी चिंता है कि अब जल्द से जल्द सुरंग बनाने का काम पूरा हो, जिससे लोकेश तक पहुंचा जा सके.
लोकेश तक पहुंचने में 2 से 3 घंटे और लगेंगे
घटना स्तर पर रेसक्यू ऑपरेशन में लगे हुए अधिकारियों ने बताया कि लोकेश जरूर 4 फीट दूर रह गया है लेकिन सुरंग बनाकर उस तक पहुंचने में एनडीआरएफ की टीम को अभी भी दो से तीन घंटे का समय और लग सकता है. टीम के प्रयास लगातार जारी हैं. घटनास्थल पर ही जिले से लेकर संभाग के अधिकारी कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी आदि ने घटनास्थल का दौरा कर चुके हैं हर मूवमेंट की अपडेट ले रहे हैं स्थानीय विधायक भी लगभग पूरी रात से वहीं पर मौजूद हैं खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करके लोकेश के रेसक्यू ऑपरेशन की जानकारी प्रदेश को दी. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोकेश को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रार्थना की एक पोस्ट शेयर की है लोकेश के सकुशल बाहर आने के लिए गांव में प्रार्थनाओं का दौर भी जारी है. सभी को उम्मीद है कि लोकेश सकुशल बाहर आएगा.
70 फीट गहरा है बोरवेल, एनडीआरएफ और पूरा प्रशासन मजबूती के साथ जूटा है रेस्क्यू में
बोरवेल में फंसे लोकेश को सकुशल बाहर निकालने के लिए पूरा प्रशासन मुस्तैदी से निरंतर खुदाई कर रहा है
ग्रामीणों का कहना है बोरवेल की गहराई 60 से 70 फिट है. प्रशासन ने 6 जेसीबी मशीनें और पाेकलेन की मदद से रेस्क्यू शुरू किया था. 22 गैस सिलेंडर, 6 जेसीबी पोकलेन मशीन, डंपर इस रेसक्यू ऑपरेशन में इस्तेमाल किए जा रहे हैं. घटनास्थल पर चाइल्ड विशेषज्ञ से लेकर सारे डॉक्टर्स की टीम मौजूद हैं. कलेक्टर लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बारिश होने की स्थिति में टेंट से लेकर लाइटिंग तक की व्यवस्था घटनास्थल पर की गई है रेस्क्यू निरंतर जारी है
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