इससे नाराज होकर समर्थकों के साथ बैठक कर गुड्डू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है । 27 अक्टूबर को उन्होंने दो नामांकन पत्र दाखिल किए हैं , एक पार्टी से और एक निर्दलीय । ग्वालियर चंबल अंचल के जिले में कोलारस सीट से सीट से भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने चुनावों की घोषणा से ठीक पहले कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी । कोलारस के अलावा उन्होंने शिवपुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारी की थी , परंतु पार्टी ने कहीं शिवपुरी विधानसभा से भी टिकट नहीं दिया । पिछोर से विधायक केपी सिंह को यहां से टिकट दिए जाने के बाद जब उनकी आस टूट गई तो उन्होंने पार्टी के प्रति नाराजगी भी जताई । हालाकि , आलाकमान का रुख भांपते हुए अभी वे 30 अक्टूबर तक इंतजार के मूड में हैं । भिंड से बसपा के टिकट पर 2018 में जीते विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने लगभग एक साल पहले भाजपा का दामन थामा था , लेकिन पार्टी ने उनके घुर विरोधी नरेंद्र सिंह कुशवाह को टिकट दे दिया । अब वे • फिर से बसपा या निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे मुरैना विधानसभा से दो बार बसपा और एक बार आप से चुनाव लड़ चुके रामप्रकाश राजौरिया टिकट की चाह में कांग्रेस में आए , लेकिन यहां भी उन्हें टिकट नहीं ' मिला । अभी वे फिलहाल घर बैठ गए हैं । अंचल में मंत्री ओपीएस भदौरिया (भिंड) , विधायक रक्षा सिरोनियां (दतिया) , पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल ( ग्वालियर ) सहित कई नेता ऐसे हैं , जिन्होंने तीन साल पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की । उपचुनाव में तो इन्हें टिकट मिला , पर अब उन्हें मायूस होना पड़ा है । हालांकि , फिलहाल वे पार्टी हित में अधिकृत प्रत्याशी के लिए ही काम करने का दावा कर रहे हैं ।
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