वन विभाग की जमीन पर कब्जे को लेकर फिर एक और मर्डर


लटेरी । क्षेत्र में जंगल और जंगल की जमीन की लूट का खूनी खेल थम नही रहा है । हर घटना के बाद प्रशासन औपचारिक कदम उठाकर दूर हट जाता है , उसके बाद लूट का सिलसिला सतत जारी रहता है । एक बार फिर दबंग मुस्लिमों ने हत्या करके ख़ौफ़ का साम्राज्य स्थापित करने के प्रयास किये है । मुरवास थाना क्षेत्र के सेमरा ग्राम में वन विभाग की अतिक्रमण की जमीन पर कब्जे के लिये विजय की हत्या सफीक अहिरवार खान , शरीफ खान , अरमान खान , रुस्तम खान ने कर दी । लोगो का आरोप है कि इस मिलीभगत में वन विभाग के भ्रष्ट कर्मचारी भी शामिल है जो इन दबंगो का साथ देते है और इनसे नजराना लेते रहते है । जो लोग जंगल मे अतिक्रमण का विरोध करते है या उसको सामने ले आते है जंगल पर कब्जा करने वाला माफिया समुदाय उसकी हत्या कर देता है या उसको इतना डरा देता है कि वो मुंह नहीं खोलता । दूसरी ओर शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं होती । वन विभाग की मिलीभगत से जंगल की जमीन पर कब्जा कर खेती करने का सिलसिला चलता ही रहता है । 
दरअसल, सेमरा मेघनाथ गांव के रहने वाले विजय अहिरवार पर कुछ लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया था, जिसके विजय गंभीर रूप से घायल हो गया था। परिजन विजय को लटेरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए जहां पर हालत गंभीर होने पर उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया था, जहां विजय ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। विजय साथ हुई मारपीट की घटना से समाज के लोगों में आक्रोश था। न्याय की मांग को लेकर परिजनों ने समाज के लोगों के साथ मिलकर लटेरी में सिरोंज चौराहे पर शव रखकर प्रदर्शन किया।

इस दौरान चौराहे के चारों तरफ बाइक लगा दी और चक्काजाम कर दिया। उन लोगों का कहना था कि गांव के रूस्तम खां बेलदार उनकी जमीन पर जबरन कब्जा करना चाहता था। उसको मना करने पर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर विजय पर जानलेवा हमला कर दिया था, जिसके कारण विजय की मौत हो गई। हमला करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

पहले घेरा इसके बाद मार डाला विजय को

 सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जंगल की अतिक्रमण वाली जमीन को लेकर विजय पर शरीफ खान , सफीक खान ,अरमान खान ,रुस्तम खान ने लाठी , डंडों , फरसा ओर धारदार हथियारों से 3 जून को हमला कर दिया था । जिसमें विजय गंभीर रूप से घायल हो गया और आज इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई । जानकारी के लिए बता दें इसके पहले भी जंगल की जमीन पर कब्जे की शिकायत को लेकर संत बाल्मीकि भी हत्या हो चुकी है।

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