मिली जानकारी अनुसार वर्ग-3 की शिक्षक भर्ती परीक्षा में मुरैना जिले के सबसे ज्यादा दिव्यांग अभ्यर्थी भर्ती हुए थे, दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर अकेले मुरैना से मध्य प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में 70 फीसदी दिव्यांग शिक्षक भर्ती हुए। यह आंकड़े बेहद चौंकाने वाले थे, जिसकी शिकायत मिलने के बाद जब इसकी पड़ताल की गई तो प्रारंभिक जांच में 77 प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। गुरुवार को मुरैना में 3 शिक्षकों की सीमा समाप्त की गई थी और आज यानि शुक्रवार को श्योपुर जिले में 4 शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है।
इस कार्रवाई को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी सतेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल करने वाले चार शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है। इनमें से तीन लोग जिले में पदस्थ थे। एक आया नहीं था। इन पर एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा गया है।
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