MP corruption कागजों में बांट दिया कृषि, विभाग ने चना बीज RTI में हुआ घोटाले का खुलासा,

डिंडौरी , मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार राज्य की भले ही जनकल्याणकारी योजनाओं के चलते किसानों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार कितनी भी प्रयासरत क्यों ना रही हो । लेकिन योजनाओं का जमीनी क्रियान्वयन न होने के चलते सरकार की छवि जरूर खराब होती दिखाई दे रही है और विभाग के अधिकारी घोटाले कर मलाई मार रहे है । ऐसा ही मामला कृषि विभाग डिंडोरी का वर्ष 2021-22 का सामने आया है , जिसमे चना और मसूर बीज वितरण में कृषि विभाग के आलाधिकारियों ने सात विकासखंडों में घोटाले कर किसानों के नाम से रेवड़ी बाट ली , इसका खुलासा आर टी आई कार्यकर्ता रूपभान पारासर ने दस्तावेज जुटा कर किया है जिस पर जांच हुई और आगे की कार्यवाही के लिए डिंडोरी कलेक्टर ने रिपोर्ट शासन स्तर को भेज दी । रूपभान ने जानकारी देते हुए बताया है कि कृषि विभाग में उनके द्वारा आरटीआई लगाकर बीज वितरण की जानकारी चाही गई थी कि जिले के सात विकासखंडों में कितने किसानों को कितनी मात्रा में चना और मसूर के बीज वितरित किये गए है । पहले तो कृषि विभाग ने आर टी आई कार्यकर्ता को 6 महीने भटकाया ओर फिर मामला बढ़ता देख मजबूरी में फिर सारी जानकारी दी । आरटीआई कार्यकर्ता रूपभान पारासर ने बीज वितरण मामले की शिकायत पिछले वर्ष की थी जिसके बाद मेहदवानी विकासखंड और शहपुरा विकासखंड में जांच की गई तो पाया गया कि बीज वितरण के नाम पर कृषि विभाग के तत्कालीन उपसंचालक से लेकर विकासखंड के कृषि विस्तार अधिकारी तक कि भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है ।

कार्रवाई के लिए प्रशासन को भेजा प्रस्ताव डिंडोरी कलेक्टर 

विकास मिश्रा ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि जांच रिपोर्ट बीज वितरण और रिकॉर्ड का मेंटेनेंस की जांच पूरी हुई है और उसमें प्रथम दृष्टया अनियमितता पाई गई है , इसमें जो तत्कालीन अधिकारी थे जिनके खिलाफ पूर्व से ही विभागीय जांच चल रही है , प्रथम दृष्टया उनकी मिली भगत के संकेत आये है , उनका प्रस्ताव और उस दौरान के प्रभारी अधिकारी थे जो शाखा देखते थे और एसडीओ तीनो के खिलाफ कार्यवाही के लिए प्रस्ताव कृषि विभाग के माध्यम से उच्चाधिकारी अधिकारी को प्रेषित किया है । बहरहाल कलेक्टर द्वारा कृषि विभाग के घोटालों की जांच के बाद आगे की कार्यवाही के लिए जेडीओ अधिकारी को भेज दी हैं , अब देखना है कि जेडीओ स्तर से कब तक घोटालेबाज कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों पर गाज गिरती है ।

बीज घोटाला उजागर , उच्चस्तरिय जांच की मांग : इसी तरह से वर्ष 2021-22 में ग्राम किकरझर निवासी किसान रामकुमार को 30 किलो चना बीज 1140 रु में मिला है , जबकि उन्होंने बताया कि उनके नाम के आगे 75 किलो बीज विभाग ने चढ़ाया हुआ है , सवाल यही है कि आखिर किसानों के नाम का चना बीज गया कहा . इस पूरे मामले में आरटीआई कार्यकर्ता रूपभान पारासर ने कहा है कि " डिंडोरी जिले के 7 विकासखंडों लाखों रुपए खर्च कर उनके द्वारा बीज घोटाला उजागर किया गया है , जिसकी उच्चस्तरिय जांच किया जाना चाहिए " . I

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