Bhopal एक ओर प्रदेश के कई नगरीय निकाय और ग्रामीण अंचल जलसंकट से जूझ रहे है । भूजलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है वहीं अमृत सरोंवरों के निर्माण में भी मध्यप्रदेश पीछे रह गया है । प्रदेश में 6 हजार 275 अमृत सरोंवर का निर्माण किया जाना है उसमें से अभी तक 2 हजार 780 अमृत सरोंवर नहीं बन पाए है । मध्यप्रदेश में 6 हजार 275 अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए साइट चिन्हित की जा चुकी है । 7 हजार 581 करोड़ 83 लाख रुपए खर्च कर इन अमृत सरोवरों का निर्माण किया जाना है । 5 हजार 826 अमृत सरोंवरो के निर्माण के लिए 7 हजार 101 करोड़ रुपए खर्च कर काम शुरु किया गया है । अभी तक केवल 3 हजार 495 अमृत सरोवरों का निर्माण पूरा हो पाया है । इन सरोंवरों के निर्माण पर 6948 करोड़ 48 लाख रुपए खर्च किए गए है । छिंदवाड़ा में सर्वाधिक : छिंदवाड़ा जिले में सर्वाधिक 200 अमृत सरोंवरों का निर्माण पूरा हो चुका है । इसके अलावा बैतूल और मुरैना जिलों में भी प्रत्येक में 107 अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है ।
प्रदेश के ये जिले रह गए योजना में पीछे प्रदेश के कई जिलों में पचास अमृत सरोवर भी इस लक्ष्य में से पूरे नहीं हो पाए है । इनमें टीकमगढ़ 42 , शाजापुर 30 , शहडोल 38 , राजगढ़ 44 , रायसेन 32 , नरसिंहपुर 23 , रायसेन 46 , होशंगाबाद 46 , हरदा 36 , डिंडौरी में 30 अमृत सरोवर ही बन पाए है । किसानों की आय बढ़ाने और जलसंरक्षण को बढ़ावा देने केन्द्र सरकार ने अमृत सरोवर योजना शुरू की है ।
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