भोपाल मप्र की सियासत में मंदिर और गौ का विशिष्ट स्थान है । ऐसे में चुनावी वर्ष में प्रदेश सरकार गौ माता के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की कोशिश कर रही है । मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में पहली बार गो नीति लाने जा रही है । इसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को राजधानी के लाल परेड मैदान में आयोजित किए जाने वाले गोरक्षा संकल्प सम्मेलन में करेंगे । इस • दौरान वह 406 पशु एंबुलेंस को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा । इन वाहनों के लिए राशि भारत सरकार ने दी है । के मप्र गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने बताया कि मप्र सरकार द्वारा लाई जाने वाली गो नीति में सबसे ज्यादा ध्यान इस बात पर रहेगा कि बेसहारा गायें सड़क पर न घूमें बता दें कि एंबुलेंस की खरीदी एक वर्ष पहले हो गई थी , पर जीएसटी भुगतान को लेकर अड़चन के चलते संचालन की अनुमति नहीं मिल पा रही थी । अब इस उलझन को राज्य सरकार दूर करने जा रही है । इसके अलावा प्रदेश में 10 गोवंश वनविहार बनाए जाएंगे , जहां बेसहारा गायों को रखा जाएगा । यह वन विहार जंगलों में बनेंगे हर वनविहार की क्षमता पांच हजार गायों को रखने की होगी । एक गोशाला में 200 गायों को रखा जा सकेगा । दिन में चरने के लिए जंगल में छोड़ा जाएगा । वनविहार में चारों तरफ लगभग चार फीट ऊंची दीवार रहेगी नई नीति में गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रावधान किया जाएगा । जिससे यह लंबे समय तक चल सके और आर्थिक समस्या आड़े न आए ।
एंबुलेंस की यह होगी खासियत
हर एंबुलेंस में एक पशु चिकित्सक और एक पैरामेडिकल कर्मचारी रहेगा जो पशुपालक के घर पहुंचकर पशु का उपचार करेगा ।
● राज्य स्तरीय काल सेंटर बनेगा 1962 नंबर डायल कर पशुपालक एंबुलेस बुला सकेंगे । एंबुलेंस की निगरानी जीपीएस से होगी । एंबुलेस के संचालन में प्रतिवर्ष 77 करोड़ रुपये खर्च होंगे । इसमें 60 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी ।
● फैक्ट प्रदेश में गोशालाएं 1762 फाइल गोवंश की संख्या 2.87 लाख
मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान 2.0 अब 31 तक होगा संचालित
भोपाल । मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान 2.0 के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी नवीन निर्देश के अनुक्रम में अब यह अभियान 10 मई से 25 मई के स्थान पर 31 मई तक संचालित किया जाएगा । प्रत्येक ग्राम और वार्ड में 16 से 25 मई तक शिविर लगेंगे । इस दौरान चिन्हित 67 नागरिक सेवाओं के विभिन्न कार्यालयों में पूर्व से लंबित आवेदनों का 31 मई तक निराकरण होगा । साथ ही शिविर में प्राप्त होने वाले नवीन प्राप्त आवेदनों को पंजीकृत कर 15 जुलाई तक निराकरण किया जाएगा । शिविर के जरिए चिन्हित सेवाओं के अलावा भी अन्य सभी सेवाओं के आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा आवेदन निराकरण उपरांत पात्र हितग्राही को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे अभियान में 15 अप्रैल तक प्राप्त और लंबित सभी सीएम हेल्पलाइन शिकायतों का भी शिविर के माध्यम से संतुष्टिपूर्वक निराकरण किया जाएगा । आवेदन के निराकरण की सूचना भी आवेदक को मिलेगी ।
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