24 घंटे की मशक्कत के बाद जिंदगी की जंग हार गया लोकेश


शुभम सोनी Vidisha news:  आखिर 24 घंटे की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद खेर खेड़ी का 7 साल का मासूम 70 फीट गहरे बोरवेल से निकालने के बाद भी बचाया नहीं जा सका बुधवार को दोपहर 12 बजे तक करीब 24 घंटे से अधिक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद लोकेश को बोरवेल से बाहर तो निकाला गया लेकिन उसके शरीर में सांसे नंही बचा पाए । लोकेश को बाहर निकलते ही लटेरी शासकीय हॉस्पिटल भेज दिया जहां डॉक्टरों की टीम ने जांच के बाद 10 साल के मासूम को मृत घोषित कर दिया इस पूरी रेस्क्यू में प्रशासन की तरफ से NDRF और SDRF की टीम ने लगातार 24 घंटे बोरवेल के पास में गहरी खुदाई करके टनल तैयार किया लोकेश तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन जब तक रेस्क्यू टीम उसके पास पहुंची, लोकेश की सांसे थम चुकी थीं.

खेरखेड़ी का 7 वर्षीय मासूम लोकेश बीते बुधवार को सुबह 11 बजे खेत में बंदरों को भगाने के दौरान बोरवेल में गिर गया था बोरवेल में 43 फीट गहराई में जाकर फंसा हुआ था. बोरवेल करीब 60 फीट गहरा है. लोकेश तक पहुंचने के लिए एनडीआरएफ और प्रशासन ने लगातार 24 घंटे तक बोरवेल तक पहुंचने के लिए गुड्डे की खुदाई निरंतर जारी रखी आज सुबह 8 बजे तक 50 फीट गड्‌ढा खोदा गया, इसके बाद 5 फीट टनल बनाकर बच्चे को निकाल लिया गया


डॉक्टरों की टीम ने लोकेश को संभावित उपचार देने के लिए सुबह से ही टनल के पास एम्बुलेंस खड़ी कर दी गई थी. इस दौरान घटनास्थल पर चाइल्ड विशेषज्ञ से लेकर सारे डॉक्टर्स की टीम मौजूद हैं जिला कलेक्टर उमाशंकर भार्गव लगातार रेस्क्यू की मॉनिटरिंग कर रहे थे लोकेश के बाहर निकालने से पहले ही चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ को टनल के अंदर बुला लिया गया था. बच्चे को निकालते ही 14 किलोमीटर दूर लटेरी शासकीय अस्पताल ले जाया गया है. जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद लोकेश को मृत घोषित किया. लोकेश के परिजनों में मातम छाया साथ ही साथ इस दुखद घटना से पूरा मध्यप्रदेश भी व्यथित हुआ है जब पूरा प्रशासन लोकेश की जान बचाने के लिए रेस्क्यू कर रहा था इसी रेस्क्यू को लेकर पूरे प्रदेश में लोकेश के लिए भगवान से प्रार्थनाएं की जा रही थी
इतना ही नहीं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और  स्थानीय विधायक उमाशंकर शर्मा तक सभी लोकेश के सकुशल बाहर आने की कामना कर रहे थे. भोपाल से लोकेश को रेस्क्यू करने आई एनडीआरएफ की टीम ने जी जान से मेहनत की लेकिन लोकेश को बचा नहीं सके.

 70 फीट गहरे बोरवेल से लोकेश को निकालने के लिए जी जान लगा दी जिला प्रशासन और एनडीआरएफ टीम ने

 इस पूरे घटनाक्रम में जिला प्रशासन और भोपाल से आई एनडीआरएफ टीम ने जान की बाजी लगा दी  ग्रामीणों का कहना था कि बोरवेल की गहराई 60 से 70 फिट है. प्रशासन ने 6 जेसीबी मशीनें और पाेकलेन की मदद से रेस्क्यू शुरू किया था. 22 गैस सिलेंडर, 6 जेसीबी पोकलेन मशीन, डंपर इस रेसक्यू ऑपरेशन में इस्तेमाल किए जा रहे हैं.  घटनास्थल पर चाइल्ड विशेषज्ञ से लेकर सारे डॉक्टर्स की टीम मौजूद रही. बारिश होने की स्थिति में टेंट से लेकर लाइटिंग तक की व्यवस्था घटनास्थल पर की गई थी. कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी सहित तमाम अधिकारी लगातार मौके पर मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री शिवराज ने की 4 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतक लोकेश के परिजनों को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा है कि बोरवेल में गिरने से लोकेश की मौत होने के मामले में खेत मालिक पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी. साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए बोरवेल बंद कराने का अभियान चलाया जाएगा

इस पूरी घटना को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी शोक संवेदना प्रकट की है उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 

विदिशा जिले की लटेरी के खेरखेड़ी पठार गांव में बोरवेल में गिरे 7 वर्षीय बालक लोकेश को रेस्क्यू के बाद नहीं बचाया जा सका है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिजनों को दुख के इस वज्रपात को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। 

ॐ शांति...



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