भोपाल । यह बात सुनने में भले ही अजीब लगे , लेकिन आने वाले समय में लोगों की संपत्ति से संबंधित सभी कागजात रद्दी की टोकरी में चले जाएंगे । जी हां , सरकार एक ऐसा स्मार्ट कार्ड जारी करने की योजना पर काम कर रही है , जिसमें किसी भी व्यक्ति की जमीन - जायदाद से संबंधित पूरी जानकारी उसके वैयक्तिक विवरण के साथ दर्ज होगी । जमीनी स्तर पर इस योजना के तहत प्रयास शुरू कर दिए गए हैं । बता दें कि लोगों को जमीन - जायदाद की खरीदी - बिक्री के दौरान किए जाने वाले फर्जीवाड़े से बचाने सरकार ' लैंड - कार्ड ' लाने की दिशा में काम कर रही है । अब केवल इस बात की तैयारी चल रही है कि इस योजना को अमल में किस तरह से लाया जाए ? किसे लैंड टाइटलिंग अधिकारी बनाया जाए ? यह मामला राजस्व और पंजीयन विभाग के बीच फंसा हुआ है । यह होगा बदलाव : लैंड कार्ड जारी किए जाने से रजिस्ट्री विभाग का पूरा काम पेपरलैस हो जाएगा । लोगों द्वारा दी गई स्टाम्प ड्यूटी के पेपर कंप्यूटर पर दिखेंगे , शासन की वेबसाइट पर अपलोड भी होंगे लेकिन वो भू - स्वामी को नहीं मिलेंगे । भविष्य में संपत्ति के कागजों की मान्यता भी नहीं जैसी होगी । वो सारे दस्तावेज संबंधित भू - स्वामी के लैंड कार्ड में सेव होंगे । अगर कोई व्यक्ति अपनी जमीन बेचना चाहता है या फिर खरीदना चाहता है , तो जमीन या जमीन का हिस्सा आनलाइन ट्रांसफर हो जाएगा । यह लैंड - कार्ड संबंधित जिले के रजिस्ट्री कार्यालय के सिस्टम पर ही खुल सकेगा । सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम : योजना के तहत पहले तो आधार कार्ड के अनुसार किसी भी भूस्वामी की आइडी बनेगी , जिसमें उसके फिंगर प्रिंट दर्ज होंगे । इसके बाद संबंधित का वो मोबाइल नंबर उसमें डाला जाएगा , जो कि भू - स्वामी के आधार और बैंक खाता नंबर से लिंक होगा । इसके अलावा एटीएम कार्ड की तरह प्रत्येक भूस्वामी अपने लैंड कार्ड का पासवर्ड भी बना सकेगा । लैंड - कार्ड का इस्तेमाल पासवर्ड और ओटीपी नंबर दर्ज करने के बाद ही हो सकेगा । फर्जी व्यक्ति किसी का लैंड - कार्ड लेकर रजिस्ट्री दफ्तर पहुंचेगा तो पहले तो मोबाइल पर ओटीपी पहुंच जाएगा । अगर वह व्यक्ति किसी तरह से संबंधित भूस्वामी का मोबाइल लेकर भी आता है , तो अगले चरण में बायोमैट्रिक प्रक्रिया में वह फंस जाएगा इन चरणों को भी किसी तरह से पार कर लिया गया
दूसरों के नाम पर निवेश होगा मुश्किल अभी बहुत से चतुर - सुजान अपनी काली कमाई अपने नौकर , रिश्तेदार , ड्राइवर या अन्य के नाम पर प्रापर्टी से खरीद कर इन्वेस्ट करते हैं । इस योजना के बाद दूसरों के नाम पर जमीन - जायदाद खरीदना भी संभव नहीं होगा । क्योंकि कार्ड में उस व्यक्ति की सारी जानकारी दर्ज होगी , जिसके नाम पर कार्ड होगा । यानी , भविष्य में संबंधित अचल संपत्तिपर हक उसी का होगा , जिसके नाम पर कार्ड होगा । इसके अलावा इसी एक कार्ड में संबंधित कार्ड धारक के पास शहर , प्रदेश और देश में कहां - कहां कितनी - कितनी जमीन या मकान हैं- सब दर्ज रहेगा ।
0 टिप्पणियाँ