वनकर्मियों पर लगातार हो रहे हमलों के बाद भी पुख्ता कार्रवाई नहीं
अतिक्रमण हटाने गए 9 वनकर्मियों पर जानलेवा हमला . रेंजर गंभीर
शमशाबाद । वनविभाग क्षेत्र के करमेड़ी वीट के ग्राम जीरापुर के जंगलों में आदिवासियों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण करके टपरे डाल लिए थे । शमशाबाद रेंजर संगीता अमलतास द्वारा 15 दिन पूर्व वहां जाकर अतिक्रमणकारियों को अपने - अपने अतिक्रमण हटाने की हिदायत दी थी । टपरे न हटाने की सूचना मिलने पर वह शनिवार को फिर से अतिक्रमणकारियों से अपने अपने टपरे हटाने का कहने मौके पर पहुंचीं । सुबह करीब 10:30 बजे संगीता अमलतास अपने 10-12 वन कर्मियों को साथ लेकर अतिक्रमण क्षेत्र में पहुंची और वहां अतिक्रमण हटाने को कहा तो वहां करीब 100-150 महिला पुरुषों एकत्रित हो गए । इन लोगों ने पत्थर और लाठियों से वनकर्मियों पर जानलेवा हमला संगीता कर दिया । कई वनकर्मियों को लाठी और पत्थरों से पीटा गया । महिला वन कर्मियों पर भी लाठियां बरसाईं गई । जिसमें रेंजर अमलतास एवं 3 अन्य वनकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं । अन्य वनकर्मी अपनी जान बचाकर भागे और घायलों को शमशाबाद अस्पताल में इलाज के लिए लया गया । इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है । घायलों में कृष्णगोपाल शर्मा , निरंजन सुर्जनिया , अभिलाष अहिरवार , कृष्णकुमार राजपूत , कोमल जाटव , पूजा शर्मा , पुष्पा शर्मा , राजेश रैकवार , कोमल भिलाला शामिल हैं । कुछ दिन पूर्व लटेरी के जंगलों में भी सार्गान तस्करों ने वनकर्मियों पर जानलेवा हमला कर दिया थाजुए के अड्डे भी बनते जा रहे जिले के जंगल छह दिन पहले शमशाबाद पुलिस ने जुआ पर बड़ी कार्यवाही करते हुए 13 जुआरियों को जुआ खेलते जंगल से गिरफ्तार किया था । शमशाबाद के पैगयाई गांव के जंगल को जुआरियों ने अपना अड्डा बना रखा है । संख्या में जुआरी जंगल में जुआ खेलने के लिए पहुंचते है । विदिशा , बासोदा , सिरोज , लटेरी , रायसेन , भोपाल से भी जुआरी जुआ खेलने के लिए विदिशा के जंगलों में आते हैं । क्योंकि विदिशा जिले के जंगल उनके लिए सबसे सेफ जगह है । यहां पर वनकर्मी या पुलिस पर जंगल में हमला होने के बाद महीनों तक फिर जंगल में कोई नहीं घुसता न ही कोई कार्रवाई की जाती । इसलिए एक दो घटनाएं होने के बाद महीनों तक जंगल में इन लोगों का जंगल राज हो जाता है ।
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