भोपाल । Deepak Joshi to Leave BJP: प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और प्रदेश के चुनाव होने से पहले ही राजनीतिक उठापटक की तैयारी तेज दिखाई दे रही है जहां पहले बीजेपी कांग्रेस में शामिल हो रही थी वहीं अब बीजेपी के वरिष्ठ कांग्रेस के दामन थमते नजर आ रही हैं । इसी क्रम में आज भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी (Kailash Joshi के पुत्र, भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। वह दोपहर करीब साढ़े बारह बजे पीसीसी दफ्तर पहुंचे। यहां कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने उनका आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान पीसीसी परिसर में कैलाश जोशी अमर रहे नारे भी गूंजे। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने सूत की माला पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी की तस्वीर को पहनाई! दीपक जोशी ने उन्होंने आज सुबह देवास से भोपाल रवाना होने से पूर्व कहा कि पंचायत से लेकर सचिवालय तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं। इसके बाद वह बहन का आशीर्वाद लेकर भोपाल के लिए रवाना हो गए। बड़ी संख्या में समर्थक व पुराने भाजपा नेता और कार्यकर्ता जोशी के साथ रवाना होने के लिए अलसुबह से उनके सिविल लाइन देवास स्थित घर पहुंच गए। जोशी के साथ जनसंघ के जमाने से भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता भोपाल के लिए रवाना हुए। इनमे कुछ सरपंच हैं, उपसरपंच हैं, गांव से बड़ी संख्या में लोग हैं। देवास शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी खुद कार चलाकर दीपक जोशी को भोपाल ले जा रहे हैं।
जोशी ने कार्यकर्ताओ को बुलाया नहीं लेकिन वे आए हैं। जोशी के घर भाजपा के वर्तमान पदाधिकारी, वरिष्ठ और युवा कार्यकर्ता भी पहुंचे हैं। बागली, हाटपिपलिया, खातेगांव, देवास और सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के समर्थक भी भोपाल जा रहे हैं। जोशी के भोपाल निकलने के पूर्व उनके घर शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी, प्रदीप चौधरी सहित कांग्रेस के बड़े नेता भी पहुंचे।
जोशी के साथ उनके करीबी भी हुए भोपाल के लिए रवाना
सूत्रों के अनुसार खबर है कि जोशी के साथ भाजपा के पूर्व कार्यालय मंत्री संजीव आचार्य, पूर्व एल्डरमेन प्रवीण श्रीवास्तव लाला, अनिल झंवर, पूर्व मंडल अध्यक्ष पवन सिंह चंदाना, पूर्व यातायात समिति सदस्य विवेक चौहान, राहुल सिंह, युवा मोर्चा नेता सोनू झाला, भीम दायमा, इकराम नागोरी, कैलाश शर्मा, अल्पसंख्यक मोर्चा से जमील शेख, रोगी कल्याण समिति में रहे डॉ वाहिद खान और ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में नेता भोपाल के लिए निकले।
रघुनंदन शर्मा ने ट्वीट कर किया अंतिम प्रयास
उधर, पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने जोशी को मनाने का अंतिम प्रयास किया। उन्होंने ट्वीट कर उनसे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने और पिता के सींचे हुए वट वृक्ष की छांव में रहने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि कैलाश जोशी हमेशा कहा करते थे कि अपने परिवार में जो भी जाने अनजाने भूल चूक हुई हो तो उसे मिल बैठकर बात कर सुधार करना चाहिए, न कि परिवार से दूर जाना चाहिए। मैं व्यक्तिगत प्रयास करूंगा कि आपके सम्मान में कमी न आए। मुझे भरोसा है कि मेरे आग्रह पर पुनर्विचार जरूर करोगे।
एक और पूर्व विधायक ने थामा कांग्रेस का दामन
उधर इससे पहले आज पूर्व विधायक राधेलाल बघेल ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। दतिया की सेवढ़ा सीट से विधायक रहे राधेलाल बघेल ने शनिवार सुबह पीसीसी दफ्तर पहुंचकर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ भी मौजूद रहे। राधेलाल बघेल वर्ष 2008 में बसपा के टिकट पर सेंवढ़ा से चुनाव जीते थे। आगे चलकर उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था।
साल 1962 से रहा BJP का गढ़
बता दें बागली विधानसभा क्षेत्र बीजेपी का गढ़ है. यहां से साल 1962 में पहली बार कैलाश चंद्र जोशी भारतीय जनसंघ से विधायक चुने गए, इसके बाद 1967-1972 में भी जनसंघ से कैलाश जोशी विधायक बने. 1977 में जनता पार्टी से कैलाश जोशी विधायक बने, इसके बाद साल 1980, 1985, 1990 और 1993 में भी कैलाश जोशी भारतीय जनता पार्टी की और से विधायक चुने गए. इसके बाद पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी बीजेपी से विधायक चुने गए. वह एमपी मंत्रीमंडल में शिक्षा मंत्री भी रहे, लेकिन साल 2018 में वह चुनाव हार गए थे.
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