इस बारे में जब जानकारी जिला नागरिक आपूर्ति अधिकारी संजय सिंह से ली गई तो उनका कहना था कि जाँच कर कार्यवाही जरूर करेंगे । इसमें आश्चर्यजनक बात यह है कि जब 2 वर्ष पूर्व जिनके संबंध में स्पष्टतः आदेश थे कि इन्हें तत्काल सेवा से पृथक कर दिया जाये और भविष्य में कभी भी , किसी भी रूप में इन्हें निगम में न रखा जाये । फिर कैसे यह आज तक कार्यरत हैं । इसमें कौन- कौन जिम्मेदार और दोषी हैं और वर्तमान के अधिकारी अभी भी केवल इनकी जांच की बात कर रहे हैं । यह समझ से परे है । वैसे तो शिवपुरी जिले में कारिदों की करतूतें और कारस्तानियों के अनेकों उदाहरण हैं लेकिन छोटे से निगम के छोटे से कर्मचारियों के द्वारा की गई गरीबों के हकों से खिलवाड़ की कारस्तानी शिवपुरी जिले के भ्रष्टाचार के हांडी का चावल है । स्थानीय और प्रभारी कद्दावर मंत्रियों के होते हुए भी जिले में घपले और घोटालों की बाढ़ सी आई हुई है । अब देखना यह है कब तक चलती रहेगी घोटालों की बाढ़ और घोटालेबाजों को मिलती रहती है किसकी आड़
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