नान में गरीबों के हक को छीनने वालों को होना था बर्खास्त लेकिन शिवपुरी के घोटालेबाजों को मिलता रहा है बरदहस्त


भोपाल । शिवपुरी में 2021 में हुए सीएमआर चावल के घोटाले के केंद्र प्रभारी बनाए गए कर्मचारियों द्वारा चावल के मील मालको से मिलकर सड़ा हुआ चावल गोदामों में रखवाया । राशन को उचित मूल्य की दुकानों तक पहुंचाकर जनता में वितरित करवाया । इसकी जानकारी महाप्रबंधक को प्राप्त हुई तो वहाँ भ्रष्टाचार से तत्कालीन प्रभार से हटाने निर्देश दिए गए कर्मचारियों के खिलाफ पत्र जारी कर सख्त कार्यवाही की गई । पत्र में लिखा गया है कि इन्हें किसी भी हालत में कभी भी विभाग में नियुक्ति न दी जाये । तथा सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया गया था । वहीं 2021 के डीएम और देवेंद्र रजक और विजय द्वारा कागजों में हेराफेरी कर फिर से उसी पद पर कब्जा कर लिया गया , वह भी बगैर वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के । वहीं पूर्व में इस खबर को स्थानीय प्रिन्ट मीडिया ने भी प्रकाशित किया था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई , महाप्रबंधक के पत्र की अवहेलना की गई । ऐसे में दोनों कर्मचारियों पर एफआईआर होनी चाहिये थी ।
इस बारे में जब जानकारी जिला नागरिक आपूर्ति अधिकारी संजय सिंह से ली गई तो उनका कहना था कि जाँच कर कार्यवाही जरूर करेंगे । इसमें आश्चर्यजनक बात यह है कि जब 2 वर्ष पूर्व जिनके संबंध में स्पष्टतः आदेश थे कि इन्हें तत्काल सेवा से पृथक कर दिया जाये और भविष्य में कभी भी , किसी भी रूप में इन्हें निगम में न रखा जाये । फिर कैसे यह आज तक कार्यरत हैं । इसमें कौन- कौन जिम्मेदार और दोषी हैं और वर्तमान के अधिकारी अभी भी केवल इनकी जांच की बात कर रहे हैं । यह समझ से परे है । वैसे तो शिवपुरी जिले में कारिदों की करतूतें और कारस्तानियों के अनेकों उदाहरण हैं लेकिन छोटे से निगम के छोटे से कर्मचारियों के द्वारा की गई गरीबों के हकों से खिलवाड़ की कारस्तानी शिवपुरी जिले के भ्रष्टाचार के हांडी का चावल है । स्थानीय और प्रभारी कद्दावर मंत्रियों के होते हुए भी जिले में घपले और घोटालों की बाढ़ सी आई हुई है । अब देखना यह है कब तक चलती रहेगी घोटालों की बाढ़ और घोटालेबाजों को मिलती रहती है किसकी आड़

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