भोपाल
विधानसभा अध्यक्ष ने बताई क्यों हुआ पटवारी का निलंबन ) » अध्यक्ष बोले- पटवारी के निलंबन पर हो सकता है पुनर्विचार
अध्यक्ष ने कहा संसदीय गरिमा बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी
शुक्रवार को विधानसभा में भारी हंगामे- नारेबाजी और शोरगुल के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही 13 मार्च को सुबह ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी है । विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने के बाद अध्यक्ष ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जीतू पटवारी को निलंबित करने को लेकर सदन में आज कांग्रेस ने जो हंगामा किया , मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए यह घटनाक्रम रोका भी जा सकता है । अध्यक्ष गौतम ने कहा कि मैंने ।
जीतू पटवारी को खेद व्यक्त करने के लिए कहा था । मेरे बार - बार कहने के बाद भी पटवारी ने खेद व्यक्त करने से मना कर दिया । जो उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा और जो उन्होंने लिखकर सदन के पटल पर रखा , उसमें भी अंतर था । अगर कांग्रेस विधायक पटवारी अपने वक्तव्य पर खेद व्यक्त कर देते तो निलंबिन रुक सकता था । अपने खिलाफ कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत किए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव शक्रवार को नहीं आया है । नियमों के तहत अविश्वास प्रस्ताव साढ़े सात से दस बजे तक देना होता है । सुबह ग्यारह बजे आसंदी की तरफ जाते समय प्रस्ताव दिया गया । जो भी नियम है , उसकी प्रक्रिया के तहत कार्यवाही होगी । तारीख भी हम ही तय करेंगे । जब संकल्प की बहस के लिए तारीख लगेगी , तब कोई दूसरा पीठासीन अधिकारी बैठेगा । प्रावधान के अनुसार प्रस्ताव आने के 14 दिन बाद का कोई दिन चर्चा हो सकती है । ( यानी इस मामले में 17 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है ।
सदन नियम - प्रक्रिया से चलता है
कांग्रेस पार्टी द्वारा जीतू पटवारी के निलंबन को एकतरफा और सत्ता पक्ष के दबाव में की गई कार्रवाई पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पटवारी ने पटल पर कुछ रखा और बात कुछ और ही कहीं । जब उन्हें चुनौती दी गई तो उन्हें स्वीकार करना चाहिए था । आप रिकॉर्डिंग देख सकते हैं । विधानसभा पब्लिक मंच नहीं है । विधानसभा मर्यादा , परंपरा , प्रक्रिया , नियम और कानून से चलती है । विधानसभा में ज्यादा बोलने का अधिकार सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष को ही है । कई बार भाषा की मर्यादा होती है । हम व्यंग्य और कटाक्ष से किसी को नहीं रोकते । लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि सदन की गरिमा को ही खंडित कर दिया जाए । फिर भी निलंबित करने का प्रस्ताव आने पर मैंने उसे नहीं माना था । मैंने कहा था कि यह तमाम संसदीय गरिमा को ठेस पहुंचाएगा । मैंने खेद व्यक्त करने का निर्देश दिया था । पटवारी ने कहा कि हम खेद भी व्यक्त नहीं करेंगे । संसदीय गरिमा को बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है ।
सज्जन और साधौ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
विधानसभा सत्र के पांचवें दिन सदन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई । शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों द्वारा संसदीय कार्य मंत्री डॉ . नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव देने के बाद सत्ता पक्ष ने भी कांग्रेस विधायक सज्जन वर्मा और विजय लक्ष्मी साधौ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष का दे दिया है । भाजपा द्वारा कांग्रेस विधायकों को विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने पर कांग्रेस आक्रोशित है ।
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