नरोत्तम मिश्रा के हाथ से छूटी किताब , विपक्ष ने कहा- नेता प्रतिपक्ष को मारने फेंकी । संसदीय कार्य मंत्री ने कहा- सारगर्भित चर्चा से भागता है विपक्ष , इसलिए किया हंगामा,
भोपाल
किताब फेंककर मारने को लेकर भारी हंगामा
विपक्ष ने अध्यक्ष पर अविश्वास जताने के बाद सदन संचालन की जिम्मेदारी किसी सभापति को देने पर अड़ गए । इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने सदन संचालन पुस्तिका हाथ में लेकर कहा कि अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में कमलनाथ सहित बड़ी संख्या में विधायकों के हस्ताक्षर नहीं हैं । सदस्य के निलंबन का निर्णय जब सदन ने लिया तो उसके लिए अध्यक्ष को कैसे जिम्मेदार माना जाए । अविश्वास को ग्राह्य य अग्राह्य के लिए 14 दिन का समय होता है , उस पर बाद में निर्णय होगा । सरकार उस पर भी चर्चा का तैयार है । इसी बीच मंत्री मिश्रा के हाथ की किताब वेल में जा पहुंची । किताब वेल में पहुंचते ही विपक्षी सदस्य गर्भगृह में जा पहुंचे और कहने लगे कि मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को किताब फेंककर मारी है । हंगामे की भेंट चढ़ गया प्रश्नकाल प्रश्नकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ . गोविंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ विधानसभा सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव सौंप दिया है । जब विपक्ष ने अध्यक्ष पर अविश्वास जता दिया है , ऐसे में अध्यक्ष को नैतिकता के आधार पर आसंदी छोड़कर किसी अन्य को काम सौंप देना चाहिए । अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा , इस बीच संसदीय कार्यमंत्री डॉ . नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि संसदय कार्य मंत्री के रूप में मैंने पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव दिया , सदन ने बहुमत से निर्णय लिया है । अध्यक्ष को जिस निर्णय के लिए अविश्वास जता रहे हैं , वह तो सदन ने लिया है । कांग्रेसी अध्यक्ष पर अविश्वास जताते हुए हंगामा करने लगे । इसके बाद अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल तक के लिए स्थगित कर दी । मंत्री के निलंबन पर अड़ा विपक्ष : शून्यकाल में सदन की कार्यवही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री डॅ . नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मैं सामने से एक कर्मचारी हो हटा रहा था , इस बीच मेरे हाथ से किताब छूट गई । मैं इसके लिए खेद व्यक्त करता हूं । विपक्ष सदन में सारगर्भित चर्चा होने दे । लेकिन विपक्ष ने कहा कि मैं संसदीय कार्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है , मंत्री को निलंबित किया जाए ।
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