विदिशा जिले की तहसील लटेरी मैं 14 मार्च बोर में गिरने से एक बच्चे की मौत के बाद भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो ऐसी घटनाएं भविष्य में घटित न हों इस हेतु प्रभावी कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली के प्रकरण क्र. WP36/ 2009 में पारित निर्णय दिनांक 11.02.2010 के परिपालन में उक्त घटनाओं की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत विदिशा जिले की सीमा क्षेत्रांतर्गत ऐसे बोरवेल जिनका उपयोग नही किया जाता है या ऐसे बोरवेल जिनके अंदर पानी निकाले जाने हेतु मोटर नही डली है तथा जिनमें बोर केप नहीं लगा हुआ है, उक्त बोरो में बोर केप संबंधित मकान मालिक, कृषक, संस्था को लगवाये जाने के आदेश जारी किए गए हैं।
कलेक्टर श्री भार्गव के द्वारा जारी आदेश में उल्लेखित की अनुपयोगी अथवा खुले पडे़ हुए बोरवेल को लोहे के मजबूत ढक्कन, केप से नटबोल्टों की सहायता से मजबूती के साथ बंद किया जाए तथा ऐसे बोर जिनकी केशिंग (पाईप) निकाल लिए गए हैं, उन्हें, रेत, मिट्टी के बोरो से भरा जाए। संबंधित क्षेत्र के कार्यपालिक मजिस्ट्रेट अपने अधीनस्थ अमले से क्षेत्र का भ्रमण कराकर उक्त व्यवस्था सुनिश्चित करवाये जाने हेतु उत्तरदायी होगें।
यह आदेश सम्पूर्ण विदिशा जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में प्रभावी होगा। आदेश की एक प्रति विदिशा जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी, तहसील, जनपद पंचायत, पंचायत, नगरीय निकायों एवं थाना के सूचना पटल पर चस्पा किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील है। आदेश के उल्लंघन की दशा में संबंधित के विरूद्ध धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही संपादित की जावेगी।
Jansampark Madhya Pradesh
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