भोपाल । बीते साल होली पर जो खाद्य तेल उबाल पर थे अबकी होली में सरकार के हस्ताक्षेप के बाद तेल में उबाल ठंडा पड़ा हुआ है । स्थानीय हनुमानगंज , जुमेराती जिंस बाजार में इन्हीं दिनों बीते साल 3100 रुपए की कीमत पर बिकने वाला सोयाबीन तेल ( 15 किलो ) का पीपा 1300 रुपए नीचे के भाव 1800 रुपए में बिक रहा है । तेल व्यापारी और ब्रोकर्स के अनुसार सोयाबीन , सरसो , पॉम , सनफ्लावर , कॉटन , मूंगफली सभी खाद्य तेलों के दामों में नरमी का रूख है । गत होली की तुलना में इस होली तेलों में 80 से 100 रुपए प्रति किलो की जबरदस्त गिरावट है । तेल ब्रोकर रमाकांत तिवारी ने बताया कि होली का त्यौहार होने से तेल जिंस बाजार में ग्राहकी का सपोर्ट होने से अच्छा व्यापार हो रहा है । लेवालों की भीड़ हनुमानगंज , जुमेराती बाजार स्थित थोक तेल व्यापारियों के दुकानों पर है । तिवारी ने बताया कि पिछले साल सोयाबीन तेल जो 170 से 180 रुपए किलो के भाव था मौजूदा समय में 120 रुपए किलो है , मूंगफली तेल जो 200 रुपए में बिका वह 170 रुपए है ।
मांग में तेजी के बावजूद खाने के तेलों की कीमतों में आ रही गिरावट आम लोगों को होली के त्योहार पर खाद्य तेलों की महंगाई से राहत मिल रही है । मांग में तेजी के बावजूद खाने की तेलों के दामों पर गिरावट देखी जा रही है । खाद्य तेलों के सस्ते होने की वजह विदेशी बाजार में इनके दाम घटने के साथ ही घरेलू तिलहन की पैदावार ज्यादा होना मानी बताई जा रही है । तेल व्यापारी कृष्ण कुमार बांगड़ के अनुसार महीने भर में सरसों तेल 10 फीसदी , सोयाबीन तेल 3 फीसदी सस्ता हुआ है । साल भर में आयातित तेलों में कच्चे पाम तेल के दाम करीब 30 फीसदी गिरकर 95 रुपए लीटर और आरबीडी पामोलीन के दाम करीब 25 फीसदी घटकर 100 रुपए प्रति लीटर रह गए हैं । कारोबारियों का कहना है कि होली पर खाद्य तेलों की मांग बढ़ने के बावजूद इनके दाम घट रहे हैं । क्योंकि देश में तिलहन की बंपर पैदावार होने का अनुमान है और विदेशी बाजारों में भी खाद्य तेल सस्ते हैं । दरअसल भारत में खाद्य तेलों के दाम काफी हद तक विदेशी बाजारों पर निर्भर रहते हैं क्योंकि देश में इनकी खपत की पूर्ति के लिए बड़ी मात्रा में खाद्य तेल आयात किए जाते हैं । कारोबारियों का कहना है कि ब्राजील व अर्जेंटीना में सोयाबीन और मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन बढने का अनुमान है । जिससे विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के दाम नरम पड़े हैं । इससे देश में आयातित तेल सस्ते हुए हैं । इसके अलावा देश में खरीफ सीजन में सोयाबीन की पैदावार ज्यादा थी । अब रबी सीजन में सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है । लिहाजा तिलहन पैदावार बढ़ने से खाद्य तेलों की कीमतों में कमी का माहौल बना है ।
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