दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर बोले सीएम शिवराज अशोभनीय शब्द बोलने वाले सम्मान नहीं कर सकते

भोपाल । आमतौर पर अपने बयानों से कांग्रेस के लिए परेशानी पैदा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक बार फिर भाजपा के निशाने पर आ गए । उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज चौहान महानवमी सिंह द्वारा पर आयोजित कन्यापूजन को नाटक नौटंकी बता दिया था । इसको लेकर शिवराज ने मंगलवार को दिग्विजय सिंह पर जमकर हमला बोला । उन्होंने कहा कि बहन - बेटियों के लिए अशोभनीय शब्द बोलने वाले कभी बेटियों का सम्मान नहीं कर सकते । सनातन और शिवराज का विरोध करते - करते दिग्विजय इतने निचले स्तर पर पहुंच गए कि उन्हें बेटियों के सम्मान से भी तकलीफ होने लगी हैं । पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को भोपाल में दो बेटियों के अपहरण और मुख्यमंत्री द्वारा कन्यापूजन एवं भोज कराने संबंधी प्रश्न पर कहा था कि मुख्यमंत्री की तो बात ही मत करो । इनसे बड़ा झूठा , नाटक - नौटंकी करने वाला व्यक्ति नहीं देखा । इस पर शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि बेटियों की पूजा सनातन का संस्कार है । सोमवार को पूरा देश बेटियों की पूजा कर रहा था । बेटियों के पांव पखारे जा रहे थे । कन्या भोज किए जा रहे थे लेकिन कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बेटियों की पूजा नाटक - नौटंकी लगती है । मैंने भी बेटियों की पूजा की , मैं तो प्रतिदिन बेटियों की पूजा करता हूं लेकिन दिग्विजय जी , आप बेटियों की पूजा को नाटक नौटंकी कहते हैं । आप जैसी घटिया सोच वाले बेटियों की पूजा और सम्मान सहन नहीं कर पाते । मैं बेटियों और बहनों की पूजा करता रहूंगा , जिससे समाज में उनके प्रति सकारात्मक सोच और सम्मान बढ़े । मैं बेटियों और बहनों के पैर भी धोता हूं और उस पानी को माथे से भी लगाता हूं ।

कन्या पूजन पर भी वोटों की राजनीति : कमल नाथ उधर , प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कन्या पूजन को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से सवाल पूछने पर इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि शिवराज जी , मैंने सपने में नहीं सोचा था कि आप कन्या पूजन जैसे पवित्र धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य पर भी वोटों की राजनीति करने लगेंगे । आपको कांग्रेस के कन्या पूजन की इतनी फिक्र है तो हमारे राष्ट्रीय नेताओं से पूछने की क्या आवश्यकता है ? महानवमी के पावन दिवस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में भी कन्या पूजन और भंडारा हुआ था , आप भी आकर प्रसाद ग्रहण कर सकते थे । छिंदवाड़ा में भी कन्याओं का पूजन पूरे विधि विधान से किया गया । आप भी आकर देवी से आशीर्वाद ले सकते थे लेकिन आप यह सब नहीं करेंगे क्योंकि आध्यात्मिकता धर्म और परंपरा इन तीनों में आपकी आस्था नहीं है । आपकी आस्था सिर्फ वोटों की सौदेबाजी में है । 

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