दरअसल जनपद पंचायत बैढऩ के ग्राम पंचायत धनहरा में वर्ष 2015 से लेकर 2022 के बीच तत्कालीन सरपंच ददनी देवी जायसवाल, सचिव अशोक शाह एवं संतोष सिंह के कार्यकाल में मनरेगा 15 वें वित्त सहित अन्य योजनाओं में व्यापक पैमाने पर भ्र्रष्ट्राचार किया गया है। उक्त पंचायत के पूर्व सरपंच सहित जीआरएस, पंचायत सचिव पर आरोप लगाते हुए गांव के दुर्योधन प्रसाद जायसवाल ने वर्ष 2018 से लगातार शिकायत कर जांच की मांग कर रहे थे। अंतत: जिला पंचायत के सीईओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम गठित किया और इस जांच टीम ने पंचायत में हुए भ्रष्ट्राचार का ऐसा खुलासा किया है कि सुन जान कर भी लोग हैरान हैं।
शिकायतकर्ता दुर्योधन ने बताया कि पंचायत में करोड़ों रूपये का हेर-फेर हुआ है। एक ही कार्य के दो-दो बार राशि आहरित की गयी। जिसमें पूर्व सरपंच ददनी देवी जायसवाल के साथ-साथ जीआरएस भूपेन्द्र जायसवाल, पंचायत सचिव अशोक शाह एवं पूर्व सचिव संतोष सिंह ने व्यापक पैमाने पर खेला करते हुए पंचायत की राशि में खूब बंदरबांट की है। करीब 72 लाख रूपये की रिकवरी के लिए नोटिस भी जारी की जा चुकी है। साथ ही घोटालेबाजों को नोटिस जारी कर 7 दिवस के अंदर जबाव तलब किया गया है।
नोटिस में कई चौकाने वाले बिंदुओं को शामिल किया गया है। साथ ही जांच प्रतिवेदन में इस बात का जिक्र है कि दो ऐसे हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास दिया गया है। जिनके पास दो मंजिला मकान है। खेत, सड़क निर्माण कार्य अजय कुमार के घर से प्राथमिक विद्यालय की ओर स्वीकृत है। जिसकी राशि 11.99 लाख है जिसके विरूद्ध 8.95 लाख रूपये व्यय किया गया है। जबकि पोर्टल पर अभिलेख भी नहीं है। इसके अलावा मनरेगा के तहत खेत तालाब के कार्य में व्यापक भ्रष्ट्राचार हुआ। वहीं 15 वें वित्त से पीसीसी निर्माण कार्य का भुगतान वर्ष 2021-22 में किया गया। स्थल पर कोई कार्य नहीं पया गया और 3.36 लाख रूपये का भी भुगतान हो गया। इसके अलावा पंचायत में दर्जन भर कार्य जिसमें फर्नीचर खरीदी से लेकर पुलिया निर्माण, पंचायत भवन मरम्मत में जमकर राशि की बंदरबांट की गयी है। जांच प्रतिवेदन में हैरानी जतायी गयी है कि वर्ष 2015 से लेकर 2022 मई माह के पूर्व पंचायत के पदाधिकारियों द्वारा एक ही कार्य की दो-दो बार राशि आहरित किया गया है।
भ्रष्ट्राचारियों से होगी राशि की वसूली,भेजा गया नोटिस
जिला पंचायत सीईओ ने तत्कालीन पंचायत सचिव अशोक शाह, वर्तमान सचिव बंधौरा पर विभिन्न योजनाओं के तहत राशि की बंदरबांट करने पर 21 लाख 94 हजार से अधिक रकम कूटरचित तरीके से आहरित करने का आरोप है और इतनी राशि तत्कालीन सचिव पर वसूली के लिए थोपी गयी है। वहीं तत्कालीन सचिव संतोष सिंह, वर्तमान सचिव जोगियानी पर 9 लाख 80 हजार रूपये फर्जी तरीके से आहरित करने का आरोप लगाया गया है। इन्हें भी नोटिस जारी कर जबाव मांगा गया है। साथ ही उक्त घोटाले की रकम वसूली करने योग्य कहा गया है। इसके अलावा पूर्व सरपंच ददनी देवी पर 21 लाख 95 हजार रूपये व रोजगार सहायक भूपेन्द्र जायसवाल पर भी इतने ही रकम 21 लाख 95 हजार डकारने का आरोप लगाते हुए वसूल करने के लिए नोटिस पत्र भेजकर जबाव मांगा गया है। Singrauli News
चार साल से की जा रही थी शिकायत,अब मिलने लगी धमकी
शिकायतकर्ता दुर्योधन प्रसाद जायसवाल ने बताया कि वर्ष 2018 से पंचायत में किये जा रहे भ्रष्ट्राचार की शिकायत जनपद एवं जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ सहित कलेक्टर एवं तमाम अधिकारियों के यहां की जा रही थी। पंचायत में किये गये भ्रष्ट्राचार से संबंधित प्रमाणित दस्तावेज संलग्र कर शिकायतें की जा रही थीं। फिर भी दर्जनों शिकायत पत्रों को तत्कालीन अधिकारियों के द्वारा ठण्डे बस्ते व रद्दी टोकरी में फेंक दिया जा रहा था। दुर्योधन ने आगे बताया कि मुझे भरोसा था कि एक न एक दिन न्याय मिलेगा और भ्रष्ट्राचारियों पर कार्रवाई होगी। तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच कराकर संबंधीजनों को नोटिस भेजकर जबाव मांगा है लेकिन अब मुझे दूसरों के माध्यम से संदेश भेजकर धमकाया जा रहा है।
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