गुरुवार को शहर के शासकीय नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा सुभी चौरसिया ने हॉस्टल में फांसी लगा ली। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंचीं। शव को उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है, पूरे मामले को लेकर पुलिस तफ्तीश में लग गई है। आखिर छात्रा ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया ?
इस पूरी घटना को लेकर मृतक छात्रा के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी शुभी चौरसिया के साथ कॉलेज में रैगिंग होती थी और रैगिंग से परेशान होकर उनकी बेटी ने इतना बड़ा कदम उठाया है।
वहीं, नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल प्रेमलता भटनागर का कहना है कि मृतक शुभी चौरसिया अभी 1 महीने की छुट्टी पर गई थी। अपना इलाज कराने इसके अलावा वह हॉस्टल में किसी छात्रा के साथ रहना पसंद नहीं करती थी। अपना सामान लेने या अन्य कामों से वह बाजार भी अकेले जाया आया करती थी। कई बार कॉलेज प्रबंधन की कर्मचारियों द्वारा उसे रोकने का प्रयास भी किया गया। उसे समझाइश दी गई लेकिन वह किसी की नहीं सुनती थी। साथ ही कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राएं और हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं भी उसके साथ रूम शेयर करना पसंद नहीं करती थी क्योंकि वह थोड़ी सी हाइपर थी।
वहीं, मृतक के पिता सीताराम चौरसिया का आरोप है कि उनकी बेटी पिछले 6 माह से डिप्रेशन में थी। कई बार उसका इलाज भी कराया लेकिन कॉलेज की रैकिंग के कारण उनकी बच्ची डिप्रेशन में थी और शायद उसने इसलिए इतना बड़ा कदम उठाया।
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